शुक्रवार, 17 मई 2024

मंडल के पंद्रह रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। अमृत भारत योजना के तहत आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन को स्मार्ट बनाया जाएगा। इसके तहत आगरा फोर्ट स्टेशन परिसर का विकास करने के साथ ही यात्रियों के लिए सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसमें करीब 15.47 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

   रेलवे वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि अमृत भारत योजना के अंतर्गत आगरा मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जाएगा।इसमें आगरा के 7 रेलवे स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों में राजा की मंडी स्टेशन, ईदगाह स्टेशन, आगरा फोर्ट स्टेशन, अछनेरा स्टेशन, फतेहाबाद स्टेशन और फतेहपुर सीकरी स्टेशन हैं। इनमें से राजा की मंडी स्टेशन और ईदगाह स्टेशन पर विकास कार्य शुरू हो गए हैं। इसमें 25.20 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
    रेलवे वाणिज्य प्रबंधक ने बताया कि आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन के विकास पर 15.47 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए सर्वे हो गया है। अगले महीने से कार्य शुरू होने की उम्मीद है। आगरा मंडल के कोसी कलां स्टेशन, धौलपुर स्टेशन, खेड़ली  स्टेशन, महवा मंडावर स्टेशन, होडल स्टेशन भूतेश्वर स्टेशन, गोवर्धन स्टेशन और गोविंदगढ़ स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जाएगा। 
   उन्होंने बताया कि अमृत भारत योजना के तहत विकसित किए जाने वाले स्टेशनों में परिसर क्षेत्र बढ़ाया जाएगा। प्रवेश द्वार को सुंदर और आकर्षक बनाया जाएगा। प्लेटफॉर्म पर नए शेड, डिजिटल घड़ी, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन इंडिकेटर बोर्ड, मल्टी लाइन डिस्प्ले बोर्ड, फुट ओवरब्रिज लिफ्ट और एस्केलेटर्स आदि लगेंगे। हाई मास्ट टावर लगाने के साथ ही स्टेशनों पर उद्घोषणा सिस्टम विकसित किया जाएगा। यात्रियों के बैठने के लिए स्टेशन और वेटिंग रूम में बेंच बढ़ाई जाएंगी। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

आरटीई के तहत प्रवेश नहीं देने पर होगी कार्रवाई

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत नए सत्र में चौदह वर्ष तक के बच्चों को सभी सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य निजी स्कूलों के लिए निशुल्क प्रवेश देना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रवेश नहीं देने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रवेश के लिए प्राप्त आवेदनों का निस्तारण बेसिक शिक्षा अधिकारी को सात दिन में करना होगा। 

    जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि उनके द्वारा ये निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी और समस्त स्कूल के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य को दे दिए गए हैं। नए सत्र में प्रवेश देने से इंकार करने की शिकायत मिलने पर स्कूल प्रबंधक स्वयं जिम्मेदार होंगे। आरटीई के तहत चयनित बच्चों को प्रवेश देना अनिवार्य है। प्रवेश देने से मना करना आरटीई कानून का उल्लंघन है। 

     जिलाधिकारी ने बताया कि यदि किसी चयनित बच्चे के प्रवेश को लेकर कोई आपत्ति है तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। प्रवेश को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो स्कूल चयनित बच्चों को प्रवेश नहीं देंगे, उनके खिलाफ शिकायत मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

गुरुवार, 16 मई 2024

सीबीआई की तर्ज पर मामलों की विवेचना करेंगे दरोगा

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। हत्या, डकैती, चोरी जैसे मामलों में अब विवेचना में लापरवाही नहीं बरती जा सकेगी। पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने सीबीआई की तर्ज पर मामलों की बेहतर विवेचना की योजना तैयार की है। विवेचक को विवेचना ग्रहण करने के चौबीस घंटे के अंदर पूरा प्लान बनाकर देना अनिवार्य कर दिया गया है। 

    पुलिस कमिश्नर ने बताया कि विवेचक को घटना स्थल के निरीक्षण, वैज्ञानिक सबूत जुटाने की तारीख आरोपियों के नाम बढ़ाने और निकालने की ठोस वजह, केस की फाइल में पहले पन्ने पर दर्ज करनी होगी। एसीपी और डीसीपी विवेचना की निगरानी करेंगे। केस की विवेचना के दौरान हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी। 

    पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आपराधिक मामलों की बेहतर विवेचना के लिए नई योजना तैयार की गई है। सीबीआई और सीबासीआईडी की तर्ज पर पुलिस द्वारा भी विवेचना की जाएगी। विवेचक को विवेचना से संबंधित पूरा प्लान बना कर देना होगा कि उन्होंने घटनास्थल पर जाकर क्या किया। केस में प्राथमिक स्तर पर क्या क्या सबूत जुटाए। आगे क्या कार्रवाई की जाएगी। केस में फाइनल रिपोर्ट और चार्ज शीट लगाने से लेकर सबूत जुटाने में देरी पर विवेचक बहाना नहीं बना पाएंगे। 

    पुलिस कमिश्नर ने बताया कि एक जुलाई से भारतीय दंड संहिता में बदलाव किया जा रहा है। इसमें न्याय प्रक्रिया को त्वरित करने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही केस में समय पर चार्ज शीट और फाइनल रिपोर्ट लगाने से लेकर अभियुक्तों को जल्द सजा दिलाने पर जोर है। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस और विवेचना के स्तर में बदलाव की कवायद की जा रही है। सही और समयबद्ध विवेचना के लिए एसीपी और डीसीपी की जवाबदेही भी तय की जा रही है। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

कम हुआ सिटी बस का किराया

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। ताजनगरी के विभिन्न मार्गों पर संचालित होने वाली सिटी बसों के किराये में दूरी के हिसाब से दो रुपये से पांच रुपये तक की कमी की गई है। किराये की नई दरें बुधवार से लागू हो गई हैं।

       आगरा इलेक्ट्रिक बस डिपो के प्रबंधक कृष्ण प्रताप सिंह ने बताया कि आगरा-मथुरा सिटी बस ट्रांसपोर्ट लिमिटेड की ओर से एक सौ बसों का संचालन विभिन्न रूट पर किया जा रहा है। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी द्वारा गत दिवस समीक्षा बैठक में यात्रियों के हित में सिटी बस का किराया घटाने पर मुहर लगाई गई थी। मंडलायुक्त के निर्देश के अनुपालन में सिटी बस के किराये में दो से पांच रुपये तक की कमी कर दी गई है। स्लैब में भी कुछ बदलाव हुए हैं। 

    प्रबंधक ने बताया कि अब सिटी बस में न्यूनतम किराया चार किलोमीटर तक का दस रूपये, जबकि अधिकतम किराया 54 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए सत्तर रुपये लगेगा। इसके अलावा बसों की दूरी के हिसाब से किराये की नई दरें तय की गई हैं। रेलवे और रोडवेज बसों में एमएसटी की तर्ज पर सिटी बस में भी डिजिटल कार्ड से यात्रा की सुविधा प्रदान की गई है। एक सौ रुपये का कार्ड रिचार्ज करवाने पर एक सौ दस रुपये मिलेंगे। कार्ड की कोई मियाद नहीं है। 

    प्रबंधक ने बताया कि ताजनगरी में सिटी बस के रूट इस प्रकार रहेंगे : भगवान टॉकीज से आगरा कैंट, रोहता, इरादतनगर और सैंया देवरी चौराहा बिजली घर से टूंडला, शमसाबाद, फतेहाबाद खेरागढ़ आईएसबीटी से आगरा कैंट, आगरा कैंट से ताजमहल, ईदगाह से फतेहपुर सीकरी और अर्जुन नगर गेट से सिविल एन्क्लेव तक सिटी बस संचालित होंगी। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

बुधवार, 15 मई 2024

अस्थमा हो तो रखें ध्यान

@  फेफड़ों को प्रभावित करने वाली बीमारी अस्थमा में सांस नलिकाओं में सूजन आने से सांस लेने में परेशानी होती है। इसे दमा भी कहते हैं। 

@ अस्थमा के मुख्य लक्षण हैं- सांस लेने के दौरान घरघराहट होना, सांस फूलना, सांस लेते समय सीटी बजने की आवाज आना, सीने में जकड़न व दर्द होना, थकान महसूस होना। 

@ अस्थमा होने के कारण हैं- विभिन्न कारणों से एलर्जी होना, पर्यावरणीय प्रदूषण, रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस से शिशुओं में श्वसन संक्रमण, परिवार में माता या पिता पक्ष के किसी सदस्य को अस्थमा होना। 

@ अस्थमा से बचने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज कराएं, ठंडे पेय पदार्थ व ठंडी तासीर वाले भोजन से बचें, मांसाहारी भोजन न करें, विटामिन ए, सी व ई युक्त भोजन तथा हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक सेवन करें, पालतू पशु-पक्षियों से दूरी बनाए रखें और डॉक्टर की सलाह के बिना इन्हेलर व दवाएं बंद नहीं करें। -प्रमोद कुमार अग्रवाल (न्यूज़लाइन ब्यूरो)

सेहत के लिए गुणकारी हैं अखरोट

##  सेहत के लिए गुणकारी अखरोट को ड्राई फ्रूट्स में शामिल किया गया है। अखरोट में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट, एंटाइंफ्लेमेटरी कंपाउंड ओमेगा-3 फैटी एसिड, पोटेशियम, विटामिन-ई, पॉलीफेनोल्स आदि तत्व पाए जाते हैं। 

## अखरोट के सेवन से हृदय, आंत्र,मस्तिष्क आदि अंग क्षतिग्रस्त होने से बचे रहते हैं, ब्लडप्रेशर नियंत्रित रहता है, मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती है और शरीर में इम्यूनिटी पॉवर में वृद्धि होने लगती है। 

## अधिक मात्रा में अखरोट का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अखरोट पचने में भारी होते हैं और शरीर में उष्णता कफ व पित्त को बढ़ा सकते हैं। अखरोट को रात भर पानी में भिगोकर रखने के बाद सुबह खाया जा सकता है। -- प्रमोद कुमार अग्रवाल (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

सोमवार, 11 मार्च 2024

दवाओं के दुष्प्रभाव और तेज आवाज से कमजोर हो रही है सुनने की क्षमता

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। मनमाने ढंग से ली जाने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव और तेज आवाज की वजह से युवाओं में सुनने की क्षमता में कमी आ रही है। इन्हें ऊंचा सुनाई दे रहा है। साथ ही चिड़चिड़ापन भी बढ़ रहा है। 

    एसएन मेडिकल कॉलेज के नाक, कान व गला रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रशिक्षित डॉक्टर की जगह किसी झोलाछाप से इलाज कराने, खुद ही मनमाने ढंग से दवाओं का सेवन करने और गलत इंजेक्शन लगवाने के कारण कान में संक्रमण, दर्द, सूजन, सुन्नपन जैसी परेशानी पनप रही हैं। बच्चों के कान में तेल डालने से भी यह समस्या हो रही है। 

   डॉक्टर सलोनी सिंह बघेल ने बताया कि ईयरफोन का लगातार उपयोग करने, तेज आवाज में संगीत सुनने और ज्यादा शोरगुल वाली जगह पर रहने की वजह से नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे ऊंचा सुनने और चिड़चिड़ापन की समस्या बढ़ जाती है। सामान्य तौर पर चालीस से पचास डेसिबल ध्वनि का स्तर कानों के लिए सही माना जाता है। इससे ज्यादा ध्वनि का स्तर कान व सिर में दर्द की वजह बनता है। 

    डॉक्टरों का कहना है कि कानों के स्वास्थ्य के लिए ईयरफोन का उपयोग कम करें, तेज आवाज में संगीत न सुनें, वाहनों का हॉर्न कम बजाएं, कारखानों में मशीनों की ध्वनि को नियंत्रित रखें। कान में तेल डालने से बचें और नहाते व तैरते समय कान में पानी न जाने दें। कान में किसी तरह की तकलीफ होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से ही इलाज कराएं। बुजुर्गों के कानों की जांच कराते हुए सुनने की मशीन लगवाएं। (न्यूज़लाइन ब्यूरो)

शनिवार, 2 मार्च 2024

बदलते मौसम में रखें सेहत का ध्यान

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। कभी गर्मी तो कभी सर्दी, ये है बदलते मौसम की खास बात। ऐसे में रहन-सहन और खानपान में जरा सी भी लापरवाही बरती नहीं कि बीमार होते देर नहीं लगेगी। बदलते मौसम के चलते लोगों में बुखार, खांसी, जुकाम, सीने में जकड़न, गले में खराश, सिर, आंख व मांसपेशियों में दर्द, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। 

      डॉक्टरों की मानें तो इन दिनों अधिकांश ने धूप निकलने पर गर्म कपड़े उतार कर रख दिए, हवा में घूमें, ठंडे पानी से स्नान किया और आइसक्रीम एवं कोल्डड्रिंक का सेवन किया। बदलते मौसम का असर छोटे बच्चों पर भी पड़ रहा है। बच्चों में निमोनिया, बुखार पसली चलने, सीने में बलगम जमा होने के लक्षण मिल रहे हैं। 

    डॉक्टरों के अनुसार बदलते मौसम में गर्म कपड़े पहनकर रहें, गुनगुने पानी से स्नान करें, गुनगुना पानी पीएं, वायरल बुखार होने पर पैरासिटामाल लें, आइसक्रीम और कोल्डड्रिंक लेने से बचें। अपनी मर्जी से घर में रखे बुखार व खांसी के सिरप बच्चों को नहीं दें। सीने में कफ जमा होने या घरघराहट होने पर पानी की भाप ली जा सकती है। दमा के मरीज इनहेलर की डोज पहले ही की तरह लेते रहें। 

   क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा विभाग के डॉक्टर लोकेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बदलते मौसम का असर ऐसे लोगों पर ज्यादा होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में गिलोय, घनवटी, तुलसी, लंवंगादि वटी, कंठ सुधार वटी जैसी औषधियों के सेवन से वायरल बुखार, जुकाम, खांसी, गले में दर्द आदि में फायदा पहुंचता है। इसके अलावा गुनगुने पानी में सेंधा नमक व हल्दी मिला कर दो बार गरारे करने और शहद में अदरक का रस मिला कर पीने से आराम मिलेगा। 

    डॉक्टर सिंह ने बताया कि इस मौसम में मेथी, बथुआ, पालक, गाजर, अदरक, लहसुन, संतरा, नीबू, अंगूर, बादाम, काजू, अखरोट आदि का सेवन अवश्य करना चाहिए। दूध, गुड़, टमाटर सूप, आयुष काढ़ा का इस्तेमाल करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बदलते मौसम में लस्सी, आइसक्रीम, शीतल पेय, कच्ची बर्फ, ज्यादा मिर्च मसाले वाले आहार के सेवन से बचना चाहिए। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024

आगरा में चाइल्ड फ्रेंडली होगी पुलिस

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। आगरा कमिश्नरेट में पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कवायद की जा रही है। इसके तहत अब चाइल्ड हेल्प डेस्क भी खोली जा रही हैं। डेस्क पर बाल कल्याण अधिकारी के साथ महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। बाल कल्याण पुलिस अधिकारी वर्दी नहीं पहनेंगे और बच्चों की बात सुनेंगे। पुलिसकर्मी अपराध से पीड़ित बच्चों से बात करेंगे और उनकी काउंसिलिंग कर उनका मार्गदर्शन करेंगे।      एसीपी डॉक्टर सुकन्या शर्मा ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के तहत पुलिस द्वारा स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान छात्राओं को किसी भी मदद के लिए पुलिस की सहायता लेने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। कमिश्नरेट में अब थानों को भी चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जा रहा है। इसके लिए थानों में चाइल्ड हेल्प डेस्क होगी। इसमें एक तरफ बच्चों के बैठने की व्यवस्था होगी तो दूसरी तरफ बच्चों के पोस्टर लगे होंगे। (न्यूज़लाइन ब्यूरो)

डिजिटल होगी मरीज के जांच और इलाज की जानकारी

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। मरीज को होने वाली बीमारी, उसकी सभी जांच और इलाज की पूरी जानकारी अब डिजिटल होने जा रही है। इससे मरीज की आईडी बना कर उसके पूरे रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जा सकेगा और भविष्य में कहीं भी इलाज कराने के दौरान देखा जा सकेगा। 

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत अस्पताल, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर, मेडिकल स्टोर, पैथोलॉजी लैब संचालकों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। जिले में 1250 चिकित्सकीय संस्थान और छह हजार से ज्यादा मेडिकल स्टोर हैं। मिशन में मरीज का नाम, उम्र, बीमारी के अलावा जांच व इलाज करने वाले डॉक्टर का नाम दर्ज होगा। 

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मरीज की रक्त संबंधी जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई सहित अन्य सभी जांच रिपोर्ट का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा मेडिकल स्टोर द्वारा मरीज को दी गई दवाओं से संबंधित बैच नंबर, एमआरपी निर्माता कंपनी, एक्सपायरी डेट आदि जानकारी भी दर्ज करनी होगी। इससे मरीज का डिजिटल लॉकर बन जाएगा। जिसकी आईडी से मरीज की बीमारी और इलाज का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

शनिवार, 17 फ़रवरी 2024

महिला थाने में दर्ज होंगे सभी मुकदमे

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)।जनपद के महिला थाने में अब घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ के मुकदमे भी दर्ज हो सकेंगे। पीड़िता चाहे किसी भी थाना क्षेत्र की रहने वाली हो और घटना किसी भी थाना क्षेत्र में हुई हो, महिला थाने में पीड़िता का मुकदमा दर्ज किया जाएगा और मामले की जांच व सुनवाई की जाएगी। पुलिस कमिश्नर जे रविन्दर गौड द्वारा यह नई व्यवस्था लागू की गई है। 

     एसीपी सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि आगरा कमिश्नरेट के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनी हैं, जहां महिलाओं की सुनवाई महिला पुलिसकर्मी द्वारा की जाती हैं। थाने पर पारिवारिक विवाद में काउंसलिंग भी होती रही है, परंतु अब थाने में काउंसलिंग की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा महिला थाने को भी महिलाओं से संबंधित सभी अपराधों की रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। 
     एसीपी ने बताया कि दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मामले में महिला थाना एवं परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग की व्यवस्था थी। अब महिला थाने में होने वाली काउंसलिंग को भी बंद कर दिया गया है। अब सिर्फ परिवार परामर्श केंद्र में ही काउंसलिंग की जाएगी, क्योंकि वहां विशेषज्ञ रहते हैं। परिवार परामर्श केंद्र में पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को सुना जाता है और दोनों पक्षों को बुला कर काउंसलिंग की जाती है। काउंसलिंग में बात नहीं बनने पर मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

आगरा कमिश्नरेट में बीट ऑफिसर संभालेंगे व्यवस्थाएं

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। आगरा कमिश्नरेट की पुलिस व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने बीट सिस्टम में बदलाव किया है। जोन में 1683 बीट बनाकर सिपाहियों को बीट ऑफिसर के रूप में व्यवस्थाएं संभालने के लिए जिम्मेदारी दी गई हैं। सिटी जोन में 615 और ग्रामीण क्षेत्र में 1068 बीट बनाई गई हैं। 
   पुलिस कमिश्नर ने बताया कि सिपाही अब बीट पुलिस अफसर कहलाएंगे। बीट क्षेत्र की जिम्मेदारी उनके पास रहेगी। बीट प्रणाली लागू होने के बाद थाने में तैनात प्रत्येक सिपाही के पास काम होगा। उन्हें अपनी बीट बुक तैयार करनी होगी। सप्ताह में एसीपी उसका अवलोकन करेंगे। बीट क्षेत्र में कुछ होने पर बीट ऑफिसर से पूछा जाएगा। उसके बाद चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी का नंबर आएगा। 
     पुलिस कमिश्नर के अनुसार सिपाही बने बीट ऑफिसरों को बीपीओ पासपोर्ट, किराएदार, शस्त्र लाइसेंस, चरित्र प्रमाणपत्र का सत्यापन करने, शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाबंद करने की कार्रवाई करने, थाना क्षेत्र में आने वाले प्रार्थनापत्रों की जांच करने और न्यायालय से प्राप्त होने वाले नोटिस व समन की तामील कराने की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे। 
    पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पुलिस बीट ऑफिसर क्षेत्र में सभी अवैध धंधों पर अंकुश लगाएंगे, छिटपुट झगड़ों में कार्रवाई करेंगे, क्षेत्र में सभ्रांत व्यक्तियों के संपर्क में रहेंगे, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थलों, जनप्रतिनिधि पुलिस पेंशनर्स, ग्राम प्रधान, ग्राम चौकीदार, लेखपाल, पुलिस मित्र आदि के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उनसे जुड़ेंगे और सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे। क्षेत्र में नियमित रूप से गश्त पर जाएंगे और जुलूस, गोष्ठी, आदि के संबंध में जानकारी रखेंगे। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन देता है बीमारियां

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। एंटीबायोटिक दवाओं की ओवरडोज कई दूसरी बीमारियों की वजह बन सकती है। यहां तक कि महिलाओं द्वारा अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक दवाओं के कारण गर्भस्थ शिशुओं में भी संक्रमण होने की संभावना रहती है। 

   एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अंकुर बंसल ने बताया कि एंटीबायोटिक दवाओं की ओवरडोज और बिना जरूरत के प्रयोग से संक्रमण बढ़ता है। इससे गर्भस्थ शिशुओं में भी विकार मिल रहे हैं। शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है। कम वजन, निमोनिया, टाइफाइड, रक्त संक्रमण जैसी परेशानियां हो रही हैं। 
     एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉक्टर विकास गुप्ता ने बताया कि एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड की ओवरडोज से फंगल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा है। किडनी, लिवर, आंख, दिमाग और हृदय पर ज्यादा दुष्प्रभाव दिखाई देता है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में खुद की डॉक्टरी से दवाओं का सेवन नहीं करें, बल्कि योग्य एवं प्रशिक्षित डॉक्टर से ही इलाज कराएं। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 


बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

अक्षर ज्ञान का पर्व है वसंत पंचमी

  शीत ऋतु के बाद अपने साथ सुहावना मौसम लेकर आने वाली वसंत ऋतु में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि वसंतोत्सव या वसंत पंचमी के रूप में हर्षोल्लास से मनाई जाती है। वसंत के आगमन के साथ ही खेत-खलिहान और बाग-बगीचों में जैसे प्रकृति हरे परिधान पहनकर इठलाने लगती है। रंग-बिरंगे पुष्पों पर मंडराती विविध रंगों की तितलियां, आम के वृक्षों पर लगती बौर और सरसों के पीले फूलों से सजी धरती सम्मोहन एवं आकर्षण का पर्याय बन जाती है। जीवन में नए उमंग और उल्लास का संचार करने वाली वसंत ऋतु एक ऐसा मौसम है जो हमारे भीतर के यौवन को चिर बनाये रखता है।

देवी सरस्वती से जुड़ा पर्व

मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन ज्ञान, विद्या, संगीत, ललित कला एवं संस्कृति की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का अवतरण हुआ था। सृष्टि के रचियता बृह्मा जी की भार्या देवी सरस्वती को महादेवी भी कहा जाता है। सरस्वती को वेदमाता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि चारों वेद, देवी के ही स्वरुप हैं। हंस, कमल, पुस्तक और वीणा धारण करते हुए सरस्वती योग और ध्यान विद्या की ज्ञाता हैं। ऋग्वेद के अनुसार सरस्वती, नदियों की अधिष्ठात्री देवी भी हैं जो गंगा और यमुना के साथ संगम करके त्रिवेणी का रूप धारण करती हैं। इसलिए त्रिवेणी में किया गया स्नान अक्षय पुण्य फल देने वाला और सभी पापों को हरने वाला माना गया है।

शुभता के लिए पूजन 

वसंत पंचमी के दिन भगवान् विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन प्रातःकाल तेल का उबटन लगाकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान नारायण की पूजा की जाती है। इसके बाद पितृ तर्पण और ब्राह्मण भोजन कराया जाता है। ऐसा करने से जीवन में आने वाले कष्ट और बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इस दिन पारिवारिक सुख, शान्ति और प्रेम भाव बनाये रखने के लिए कामदेव और रति की पूजा भी की जाती है। पितरों तथा देवों की प्रसन्नता के लिए नए अनाज में घी एवं मीठा मिलाकर अग्नि को समर्पित करने की भी परम्परा है। भगवान विष्णु के साथ गणेश, शिव और सूर्य आदि का पूजन करने के बाद देवी सरस्वती का पूजन करने से समस्त देवी-देवताओं का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है।

अक्षर ज्ञान का पर्व 

पुराणों के अनुसार भगवान् श्री कृष्ण ने देवी सरस्वती को यह वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन जो भी मनुष्य भक्ति भाव से तुम्हारी आराधना करेगा, वह विद्यां और गुणवान बनकर संसार में ज्ञान का प्रकाश फैलाएगा। इसलिए वसंत पंचमी के दिन स्कूल-कॉलेजों में विद्यार्थी देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। शिशुओं को अक्षर ज्ञान कराने की शुरुआत भी इसी दिन से की जाती है। ज्ञान और विद्या की कामना करने वालों को सदैव देवी सरस्वती का पूजन करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार उन्हें ईशान कोण में अथवा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके अध्ययन करना चाहिए। अध्ययन की मेज पर देवी सरस्वती का चित्र या प्रतिमा रखना भी लाभकर होता है।

होलिकोत्सव की शुरुआत 

वसंत पंचमी के दिन से ही होली का आरंभ हो जाता है। इस दिन ब्रज क्षेत्र में पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है और नए पीले या वासंती के रंग वस्त्र पहनकर नए उत्साह और उमंग के साथ हास-परिहास किया जाता है। यह उत्सव फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक प्रतिदिन चलता है। इस दिन चौराहों पर होलिका दहन के लिए लकड़ी भी रखी जाती है।

तंत्र-मंत्र प्रयोग के लिए शुभ

तंत्र शास्त्र में वसंत ऋतु को महत्वपूर्ण माना गया है। उसके अनुसार वशीकरण, सम्मोहन और आकर्षण से संबंधित प्रयोग एवं हवन आदि वसंत ऋतु में करने से विशेष शुभ और फ़लदायी होते हैं। तंत्र-मंत्र तथा संगीत साधना भी वसंत ऋतु में करने से देवी सरस्वती की विशेष कृपा मिलती है। -प्रमोद कुमार अग्रवाल, ज्योतिष-वास्तु लेखक एवं सलाहकार, आगरा। 

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024

आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में रोजाना देखे जाएंगे नशे के मरीज

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। किसी भी तरह का नशा करने वाले लोगों को इस व्यसन से मुक्ति दिलाने के लिए आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय द्वारा नई व्यवस्था की गई है। अब संस्थान के नशा मुक्ति उपचार केंद्र की नियमित ओपीडी शुरू कर दी गई है। 

    निदेशक डॉक्टर दिनेश राठौर ने बताया कि सोमवार से शनिवार तक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक नशा मुक्ति केंद्र की ओपीडी चलेगी। इसमें चिकित्सक, काउंसलर, नर्सिंग स्टाफ अलग से रहेंगे। निदेशक ने बताया कि किसी भी तरह के नशे के आदी व्यक्ति यदि लगकर इलाज कराएं तो छह महीने से एक साल के अंदर वे नशा मुक्त हो सकते हैं। 

     डॉक्टर राठौर ने बताया कि नशे की लत मानसिक विकार है। इसे छुड़ाने के लिए पूरा इलाज जरूरी है। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 14446 और स्थानीय नंबर 14416 पर कॉल करके काउंसिलिंग के साथ मरीज को उपचार कराने के संबंध में सलाह ली जा सकती है। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

रविवार, 11 फ़रवरी 2024

अब 45 प्रतिशत अंक वाले भी कर सकेंगे विज्ञान अध्यापक के लिए आवेदन

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान के अध्यापक बनने की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से प्रशिक्षित स्नातक यानि ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर बनने की योग्यता में संशोधन किया गया है। अब जीवविज्ञान और विज्ञान विषय में 45 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने के लिए पात्र माना गया है। इससे पहले 50 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को अपात्र माना गया था।

     जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नए आदेश जारी किए हैं।इसके अनुसार अब ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर के रिक्त पदों पर आवेदन करने के लिए विज्ञान में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित विषय के साथ स्नातक या स्नातकोत्तर उपाधि तथा बीएड होना अनिवार्य कर दिया गया है। संशोधन के बाद ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर जीवविज्ञान में रसायन विज्ञान को भी शामिल कर लिया गया है।

    जिला विद्यालय निरीक्षक के अनुसार पूर्व में केवल वही अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे,जिन्होंने जंतु विज्ञान या वनस्पति विज्ञान से स्नातक किया हो। इसी प्रकार ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर विज्ञान की योग्यता में भी बदलाव किया गया है। अब गणित से स्नातक पास अभ्यर्थियों को भी विज्ञान के लिए आवेदन करने के लिए पात्र माना जाएगा। ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर जीवविज्ञान के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 45 प्रतिशत अंकों के साथ जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और रसायन विज्ञान के साथ स्नातक एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड होना अनिवार्य है। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2024

दिव्यांगों के लिए बल्केश्वर पार्क में लगेंगे झूले

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। बल्केश्वर कॉलोनी में स्थित बल्केश्वर पार्क में नगर निगम द्वारा पहली बार दिव्यांगों के लिए झूले लगाकर विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद आवास विकास कॉलोनी सिकंदरा के सेंट्रल पार्क (सूर वटिका) में सुविधाएं दी जाएंगी। 

    नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि दिव्यांगों के आवागमन के लिए बल्केश्वर पार्क में प्रवेश द्वार पर रैंप के साथ ही पार्क में दिव्यांगों के लिए कसरत की विशेष मशीनें लगाई जाएंगी। दिव्यांग बच्चों के खेलने के लिए खिलौने और झूले आदि की व्यवस्था भी होगी। अमृत योजना के तहत बल्केश्वर पार्क का कायाकल्प किया गया है। 

    नगर आयुक्त ने बताया कि सिकंदरा स्थित आवास विकास कॉलोनी में सेंट्रल पार्क बना हुआ है। यहां दिव्यांगों के लिए कोई सुविधा नहीं है। इसलिए अब नगर निगम द्वारा इस पार्क में भी बल्केश्वर पार्क की तरह दिव्यांगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस साल गणतंत्र दिवस के दिन इस पार्क में राफेल लड़ाकू विमान की प्रतिकृति बनाई गई है। (न्यूज़लाइन ब्यूरो)

बुधवार, 7 फ़रवरी 2024

पचास वर्ष के बाद स्वस्थ रहने के लिए आसान मंत्र

पचास वर्ष पूरे करने के बाद शरीर में बहुत सी बीमारियों का आगमन होने लगता है जैसे, डायबिटीज, जोडों में दर्द, पाचन शक्ति की कमजोरी, याददाश्त में कमी, इम्यूनिटी की कमी, लिवर एवं मूत्राशय संबंधी समस्याएं आदि। 

    आयुर्वेद के अनुसार अगर संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या, योग, प्राणायाम, व्यायाम आदि पर ध्यान दिया जाए और फास्ट फूड, मैदा से बने खाद्य पदार्थ, कोल्डड्रिंक, डिब्बा बंद आहार, अधिक वसायुक्त तला-भुना भोजन, शराब, तंबाकू, गुटका या अन्य नशीली वस्तुओं के सेवन से परहेज किया जाए तो शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को काफी हद तक बनाए रखा जा सकता है।

  पचास वर्ष की आयु पूरी कर चुके लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा हरी तरकारी, ताजा फल, सूखे मेवे, गुड़, शहद, आंवला आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से अपने आहार में शकरकंदी, चुकंदर, बैंगन, अदरक, राजमा, काबुली चने, ब्रोकली और फूलगोभी को भी अवश्य शामिल करना चाहिए। इनके सेवन से शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बने रह सकता है। --© प्रमोद कुमार अग्रवाल (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

गैरकानूनी अंतर धार्मिक विवाह करने वालों को सुरक्षा नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू-मुस्लिम जोडों की ओर से सुरक्षा की मांग करने वाली आठ याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि कानून की उचित प्रक्रिया के बिना की गई शादी उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 के विरुद्ध है। इसलिए ऐसे जोडों को न्यायालय से सुरक्षा नहीं दी जा सकती। 

    न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने कहा कि गलत बयानी, बल, धोखाधड़ी, अनुचित प्रभाव और प्रलोभन द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में रूपांतरण 2021 में पारित कानून के विरुद्ध है। यदि याची कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद शादी कर लेते हैं तो वे नए सिरे से सुरक्षा की मांग वाली याचिका दाखिल कर सकते हैं। -- प्रमोद कुमार अग्रवाल (न्यूज़लाइन ब्यूरो)

आगरा में स्मार्ट साइकिल से कर सकते हैं शहर की सैर

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। स्मार्ट सिटी आगरा में अब पब्लिक बाइसिकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत की गई है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति मात्र दस रूपये खर्च करके किराये पर ई-साइकिल लेकर आधा घंटे तक शहर की सैर कर सकता है। स्मार्ट ई-साइकिलें निर्धारित प्वाइंट पर उपलब्ध रहेंगी। 

     मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने बताया कि ई-साइकिल सिस्टम से शहर में जाम और प्रदूषण की समस्या को रोका जा सकेगा। करीब एक हजार इलेक्ट्रिक साइकिलें संचालित की जाएंगी, जिनके लिए एक सौ चार्जिंग स्टेशन भी बनेंगे। जो लोग ई-साइकिलों का उपयोग करना चाहेंगे उन्हें सिक्योरिटी धनराशि के रूप में दो सौ रुपये जमा करने होंगे। साइकिल वापस करने पर यह धनराशि लौटा दी जाएगी। 

     मंडलायुक्त ने बताया कि ई-साइकिल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिदिन के अलावा एक महीने से लेकर एक साल तक के लिए सदस्यता भी दी जाएगी। जिसके लिए सदस्यता शुल्क निधारित कर दिया गया है। ताज कॉरिडोर टू वे पास 15 रुपये, हर दिन के लिए टूरिस्ट कार्ड 50 रुपये, एक महीने के लिए 150 रुपये तीन महीने के लिए ,300 रुपये और एक साल के लिए 1000 रुपये शुल्क देना होगा।

    उन्होंने कहा कि ई-साइकिल एक बार फुल चार्ज होने पर 40 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेगी। इसकी अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। बैटरी को स्वैप भी किया जा सकता है। ई-साइकिल जीपीएस से लैस हैं और इन्हें एप से संचालित किया जाएगा। एप से ही ऑनलाइन भुगतान किया जा सकेगा। 

    ई-साइकिल चलाने वाले सदस्य और गैर सदस्य के लिए समय सीमा के अनुसार शुल्क लिया जाएगा। गैर सदस्य से तीस मिनट तक के लिए 10 रुपये, साठ मिनट तक के लिए 20 रुपये, नब्बे मिनट तक के लिए 40 रुपये एक सौ बीस मिनट तक के लिए 60 रुपये और एक सौ पचास मिनट तक के लिए 60 रुपये के साथ में 30 रुपये प्रति घंटा अलग से देना होगा। 

    वहीं सदस्यों के लिए तीस मिनट तक कोई शुल्क नहीं लगेगा। साठ मिनट तक के लिए 10 रुपये, नब्बे मिनट तक के लिए 20 रुपये, एक सौ बीस मिनट तक के लिए 30 रुपये और एक सौ पचास मिनट तक के लिए 30 रुपये एवं 15 रुपये घंटा अलग से देना होगा। (न्यूज़लाइन ब्यूरो) 

मंडल के पंद्रह रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

आगरा (प्रमोद कुमार अग्रवाल)। अमृत भारत योजना के तहत आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन को स्मार्ट बनाया जाएगा। इसके तहत आगरा फोर्ट स्टेशन परिसर का विका...